चमकी बुखार का कहर आयुर्वेद करेगा असर
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देश में कई जगह एवं विशेष रूप से बिहार में दिमागी बुखार / चमकी बुखार अपने प्रचंड रुप में सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बन गया है। सम्पूर्ण एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी आना पड़ा पर रिजल्ट ?
आयुर्वेदज्ञों को आगे आ कर मानवता के हित में काम करना ही होगा, दूसरा कोई उपाय नहीं है। मुझे लगता है निम्नलिखित इलाज प्राण रक्षा करने में समर्थ होगा :-
*शहद के साथ दालचीनी का पाउडर – चार वक्त
* महा सुदर्शन घन बटी + स्वर्ण बसंत मालती रस + अमृतारिष्ट – दो वक्त
* लवंग + कज्जली + शहद – तीनों वक्त
* हरताल गोदंती भस्म + मोती पिष्ठी + प्रवाल पिष्ठी – तीन बार चन्दनादि तेल लगाने हेतु।
कोई सामान्य व्यक्ति वगैर आयुर्वेदज्ञों की सलाह व उचित देखरेख के बिना इस फार्म्यूलेशन का प्रयोग न करे। आप सभी विद्वान आयुर्वेदज्ञों से अनुरोध है कि यदि आप अपना अनुभव शेयर करें तो बहुत कृपा होगी।
डॉ विवेक श्रीवास्तव
जीवक आयुर्वेदा