बरसात में खानपान और आयुर्वेदिक वर्षा ऋतुचर्या
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बरसात के मौसम में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें खाने के लिए मना किया जाता है। आर्युवेद में इन सभी चीजों को लेकर एक अलग नियम बनाया गया है। आयुर्वेद के इन नियमों का पालन करके हम स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं। बरसात ही नहीं, आयुर्वेद में हर एक मौसम के अनुरूप जीवनशैली और खानपान के नियम बताए गए हैं। आयुर्वेद के इन नियमों को ऋतुचर्या कहते हैं। आज हम आपको आयुर्वेद के अनुसार बारिश के सीजन में कैसा खानपान होना चाहिए, उसके बारे में बताने जा रहे हैं। इन आहार को अपनाकर आप अपनी इम्यूनिटी पावर को बूस्ट कर सकते हैं।
इन फल और सब्जियों को बनाएँ अपना आहार
आयुर्वेद में मौसमी फलों का बहुत ही महत्व होता है। मौसमी फल और सब्जियां सेहत के लिए काफी अच्छी होती हैं। फल और सब्जियों में कई सारे एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिसकी वजह से हमारा शरीर काफी समय तक स्वस्थ रहता है। बारिश के सीजन में हमें रंगीन फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इस सीजन में आप कद्दू, प्याज, भिंडी, टमाटर, लहसुन, अरबी, अदरक, तोरई, बैंगन, शिमला मिर्च इत्यादि चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा फलों में आप अनार, सेब, चेरी, आड़ू, नासपाती, अनानास, कीवी, जामुन और अन्य लोकल फलों का सेवन कर सकते हैं।
अनाज साबुत करेगा मजबूत
साबुत अनाज में बहुत ही ताकत होता है। ये फाइबर से भरपूर होने के साथ-साथ इसमें कई तरह के विटामिंस, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। बारिश के सीजन में आप चावल, ज्वार, गेंहूं, ओट्स, क्विनोआ, मक्का इत्यादि चीजों का सेवन कर सकते हैं। यह सभी अनाज आपके सेहत के लिए आपकी अच्छे होते हैं।
बरसात में इन चीजों को कहें ना
- बरसात के सीजन में पत्तेदार सब्जियां कम खाएं। इस मौसम में बैक्टीरिया और कीड़े सब्जियों में अधिक लगते हैं। धनिया, पुदीना जैसी चीजें, जिसका आप रोज इस्तेमाल करते हैं उन्हें घर में ही उगाएं।
- तेल और मसालों से बनी चीजों का सेवन कम करें।
- गेंहू के आटे की जगह जौ और चने को मिलाकर पिसवाएं और इसकी रोटियां सभी को खिलाएं।
- दोपहर के खाने में नमकीन, मीठा, नमकीन, कड़वा, खट्टा, तीखा इत्यादि स्वादिष्ट चीजों को आप शामिल कर सकते हैं, लेकिन रात के समय मीठे और खट्टे का सेवन ना करें।