विरुद्ध आहार है धीमा जहर
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विरुद्ध आहार 2 या अधिक भोजन का वह संयोजन है जो उनके गुण / वीर्य आदि में मिल जाता है। उनके बीच इस तरह के एक विरोधी गुण के परिणामस्वरूप भोजन है, जो न तो पचता है और न ही समाप्त होता है। यह धीमे जहर के रूप में कार्य करता है जिससे हमारे शरीर में अनेक रोग और समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
विरुधाहार को समझें
देश विरुद्ध
उन खाद्य पदार्थों से बचें जो पर्यावरण के तापमान से मेल नहीं खाते हैं। उदा. सरसों का तेल गर्म होने के कारण उत्तरी (North) भारत में और नारियल का तेल ठंडा होने के कारण दक्षिणी (South) भारत में प्रयोग किया जाता है। २. काल विरुद्ध
ऐसे भोजन से परहेज करें जो मौसम या दिन के समय के अनुकूल न हो। दिनचर्या और ऋतुचर्या का पालन करे।
उदा. जामुन का फल सुबह खाली पेट लेने से वात दोष बढ़ता है। रात के समय दही नहीं खाना चाहिए। ३. अग्नि विरुद्ध
उन चीजों से बचें जो हमारे पेट में अग्नि की शक्ति को कम करती हैं। जैसे भूख न लगने पर खाना, ठंडी चीजें खाना आदि। दो भोजन के मध्य में 4 घंटे का अंतर रखे।
मात्रा विरुद्ध
हर भोजन की एक सीमा होती है जिसके भीतर हमें खाना चाहिए। हमें अपनी पाचन क्षमता की सीमा का भी पालन करना चाहिए। भूक ना होने पर भोजन नहीं करना चाहिए।
सात्म्य विरुद्ध
जो भोजन हमारे मन के लिए अप्रिय हो उसे नहीं खाना चाहिए। ६. वातादि दोष विरुध
उन खाद्य पदार्थों से बचें जो हमारे शरीर में वर्तमान में मौजूद दोष को बढ़ाएंगे।
उदा. मधुमेह मे मधुरता बढ़ी रहती है, तो मधुर रस को कम सेवन करना चाहिए।
संस्कार विरुद्ध
खाने से पहले कुछ खाना पकाना/गर्म करना चाहिए और कुछ खाना नहीं खाना चाहिए। उदा. दूध उबाल कर ही पीना चाहिए। दही, शहद को खाने से पहले गर्म नहीं करना चाहिए। धारोष्ण दूध अपवाद है। वह दोहन के 30 मिनट मे सेवन करना चाहिए।
वीर्य विरुध
जो भोजन तासीर में गर्म हो, उसे ठंडी तासीर वाले भोजन के साथ नहीं खाना चाहिए।
कोष्ट विरुद्ध
वही खाएं जो हमारी आंतों की निर्मूलन शक्ति को पूरा करता हो।
अवस्था विरुध
अपनी उम्र, अपने काम/जीवनशैली आदि के अनुसार ही खाएं।
क्रम विरुद्ध (क्रम विरुद्ध)
भोजन करते समय एक विशेष क्रम का पालन करना चाहिए। मीठा, खट्टा, लवण, तिखा, कड़वा और कसैला खाने का शास्त्रीय क्रम है। भोजन को छाछ के साथ समाप्त करें।
भोजन के तुरंत पहले व अंत में पानी न पिएं।
भूख लगने पर पानी न पिएं। भुक लगाने पर ही भोजन करे।
प्यास लगने पर भोजन न करें। प्यास लगने पर ही पानी पिएं।
घी की चीजों का सेवन करने के तुरंत बाद पानी न पिएं।
परिहार विरुद्ध
उन सभी सब्जियों को न मिलाएं जो पाचन की गति को धीरे और अग्नि को मंद करती हो।
स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने पर हेल्पलाइन 7704996699 पर सम्पर्क करें!