गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज, योग और डाइट प्लान – प्राकृतिक राहत का सम्पूर्ण मार्गदर्शन

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गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज, योग और डाइट प्लान – प्राकृतिक राहत का सम्पूर्ण मार्गदर्शन

🔷 गठिया क्या है? (What is Arthritis?)

गठिया यानी Arthritis एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर के एक या एक से अधिक जोड़ों (joints) में सूजन, दर्द, जकड़न और चलने-फिरने में कठिनाई होती है। यह रोग उम्र के साथ बढ़ता है लेकिन आजकल गलत जीवनशैली और खान-पान के कारण युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहा है।

गठिया के प्रकार कई होते हैं, जैसे:

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) – घुटनों और जोड़ों के घिसने से

  • रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) – इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी से

  • गाउट (Gout) – यूरिक एसिड बढ़ने से


🔶 आयुर्वेद में गठिया का कारण (Cause of Arthritis in Ayurveda)

आयुर्वेद में गठिया को “अमवात” या “संधिवात” कहा जाता है।
मुख्य कारण हैं:

  • वात दोष का असंतुलन

  • अम (टॉक्सिन्स) का शरीर में जमाव

  • पाचन शक्ति की कमजोरी

  • लगातार बैठकर काम करना

  • ठंडी व वात बढ़ाने वाली चीजों का सेवन


🌿 गठिया का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Arthritis)

Jivak Ayurveda में गठिया का इलाज तीन मुख्य चरणों में किया जाता है:

1️⃣ जड़ी-बूटियों द्वारा इलाज:

औषधि लाभ
शुद्ध गुग्गुलु सूजन और दर्द कम करता है
अश्वगंधा चूर्ण जोड़ मजबूत करता है
महारास्नादि काढ़ा वात दोष नाशक
दशमूल क्वाथ सूजन और जकड़न में राहत
त्रिफला पाचन सुधारता है, टॉक्सिन निकालता है

👉 मरीज की स्थिति के अनुसारऔषधियों  का निर्धारण किया जाता है , इन औषधियों का सेवन योग्य वैद्य की सलाह से  ही करें।
📞 फ्री कंसल्टेशन के लिए कॉल करें: 7704996699


2️⃣ पंचकर्म थैरेपी (Panchakarma Therapy):

  • बस्ती (औषधीय एनिमा) – वात दोष शमन का सर्वश्रेष्ठ उपाय

  • अभ्यंग (तेल मालिश) – जोड़ों में रक्तसंचार बढ़ाता है

  • स्वेदन (स्टीम थेरेपी) – जकड़न और दर्द में राहत

  • लिपन (औषधीय लेप) – सूजन कम करता है

👉 Jivak Ayurveda में अनुभवी चिकित्सकों द्वारा यह थेरेपी की जाती है।


3️⃣ तेल और लेप द्वारा बाहरी उपचार:

  • नारायण तेल / महामाष तेल – रोज़ाना जोड़ों पर मालिश करें

  • अजवाइन और सरसों तेल – गर्म करके सेक करें

  • मंडी के आटे का लेप – सूजन में आराम देता है


🧘‍♂️ गठिया में लाभदायक योगासन (Yoga Asanas for Arthritis)

✅ क्यों करें योग?

  • जोड़ों को लचीलापन देता है

  • दर्द और सूजन को कम करता है

  • मांसपेशियों को मजबूत करता है

  • मानसिक तनाव कम करता है

🌿 लाभकारी योगासन:

  1. वज्रासन – पाचन ठीक करता है, घुटनों में रक्त संचार

  2. अर्ध कटिचक्रासन – कमर और पीठ के लिए उत्तम

  3. भुजंगासन – मेरुदंड को लचीला बनाता है

  4. मकरासन – शरीर को विश्राम देता है

  5. पवनमुक्तासन – वात दोष नाशक

📝 योग हमेशा प्रशिक्षक की निगरानी में करें, विशेषकर यदि गठिया पुराना हो।


🍲 गठिया के लिए डाइट प्लान (Arthritis Diet Plan in Ayurveda)

🟢 क्या खाएं (Recommended Foods):

भोजन लाभ
हल्दी दूध सूजन और दर्द कम करता है
मेथी दाना वात दोष कम करता है
लौकी, तुरई, पालक आसानी से पचने वाली सब्ज़ियाँ
अलसी के बीज (Flax seeds) ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त
गुड़ और सौंठ का सेवन जोड़ों में गर्मी और ताकत
गर्म पानी / हर्बल टी पाचन को दुरुस्त रखता है

🔴 क्या न खाएं (Avoid These):

  • टमाटर, बैंगन, आलू (वातवर्धक)

  • दही, छाछ, बासी खाना

  • कोल्ड ड्रिंक, सोडा

  • अधिक शक्कर और मैदा

  • तली-भुनी चीजें

  • रात्रि भोजन के बाद तुरंत सोना


💡 कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies for Arthritis):

  1. मेथी दाना पाउडर + हल्दी – रोज सुबह गर्म पानी से लें

  2. अजवाइन का गर्म पानी – गैस और वात में राहत

  3. सरसों तेल में लहसुन पकाकर मालिश – पुराने दर्द में कारगर

  4. गुनगुने पानी में एप्पल साइडर विनेगर – सूजन में उपयोगी


📍 Jivak Ayurveda से सम्पर्क करें

यदि आप गठिया से वर्षों से परेशान हैं और अब स्थायी व प्राकृतिक समाधान चाहते हैं, तो Jivak Ayurveda की अनुभवी टीम आपकी सेवा में है।
हम आयुर्वेदिक कंसल्टेशन, पंचकर्म थेरेपी, व्यक्तिगत डाइट प्लान और कस्टम मेड मेडिसिन्स उपलब्ध कराते हैं।

📞 हेल्पलाइन: 7704996699
🌐 Jivak Ayurveda – स्वास्थ्य की ओर प्रकृति का मार्ग


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गठिया (आर्थराइटिस) कारण और निवारण

जब किसी वजह से किडनी के फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया, यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है। जो हमारे शरीर के जोड़ो मे जमा होने लगता है। यूरिक एसिड शरीर में उन चीजो से बनता है जो हम खाते है। यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनी से फिल्टर होकर मूत्रमार्ग से बाहर हो जाता है, लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा किडनी फिल्टर नही कर पाती है तो खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और यह शरीर के जोड़ो के हिस्से में जमा होने लगता है। जिससे गठिया की समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से शरीर के जोड़ो में सूजन भी आ जाती है। जिससे दर्द बढ़ जाता है। चलने में तकलीफ होती है। इसी से बाद में गठिया, व आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है।

गठिया व आर्थराटिस का कारण:

  • खान पान व लाइफ स्टाइल में बदलाव से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
  • डायबिटीज की दवाओं से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
  • खाने में लिये जाने वाला प्यूरिन (प्रोटीन) से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
  • ब्लड प्रेशर की दवा,पेन किलर्स या कैसर रोधी दवाये से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
  • रेड मीट, सी फूड दाल, रजमा ,मशरूम,गोभी, टमाटर , मटर, भिण्डी,व पनीर से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।

जीवक आयुर्वेदा की औषधियो व पंचकर्म चिकित्सासे शरीर को शोधित कर लेते है। जमा हुआ जोड़ो में यूरिक एसिड धीरे-धीरे खत्म हो जाता है एवं किडनी पूरी तरह फिल्टर कर के युरिक एसिड को मूत्रमार्ग से निकाल देती है। जिससे यह समस्या जड़ खत्म हो जाती है। गठिया या आर्थराइटिस से सम्बन्धित समस्या होने पर हेल्पलाइन नम्बर 7704996699 पर सम्पर्क करें!


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gathiya

जोड़ो का दर्द और आयुर्वेद

जोड़ो का दर्द एक आम समस्या बन गए है! मल्टीविटामिन,मिनरल और कैल्शियम की कमी से शरीर की मांसपेशियों और हड्डियोंमें दर्द हो सकता है!बढ़ता वजन भी कारण है सर्दियों में ये समस्या और बढ़ जाती हैं। बढ़ते हुए वजनऔर चोट लगने की वजह से कार्टिलेज घिसजाती है, कार्टिलेज के डैमेजहोने और दर्द के साथघुटनोमें दर्द होने की स्थितिको osteoarthritis कहतेहै।घुटने में दर्द,सुजन,जकड़न,चलने ,उठने बैठने के परेशानी आयुर्वेदिक इलाज इस परस्थिति में लाभकारी साबित होता है, दवाओं डाइटऔर पंचकर्म द्वाराइस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।जीवक आयुर्वेदा की दवाओं से कार्टिलेज धीरे धीरे रिपेयर होने लगती है , जिसकी वजह से मरीज़ को घुटने के दर्द और सुजन में पूरी तरह आराम मिल जाता हैं। मरीज़ पहले की तरह आराम से चल फिर सकता है।जिन मरीजों में प्रोब्लम पुरानी होती है उनको पंचकर्म चिकित्सा की सलाह दी जाती है, बहुत अच्छा परिणाम मिलता है।

कुछ घरेलू उपाय:

  1. गरम पानी में सेंधा नमक डाल के उस पानी सेदर्द की जगह की सिकाई करें!
  2. सरसो के तेल में लहसन पका के उस तेल से मालिश करें!
  3. हल्दी मेथीऔर सोंठ को समान मात्रा में लेकरपावडरबना ले,सुबह शाम सेवन करें।
  4. रोजाना 2से3 लहसन की कालिया खाली पेट सेवन करें!
  5. रोज सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें!
  6. मूंग दाल अपने डाइट में शामिल करे!
  7. सब्जियां जैसे सहजन और परवल खाएं!

जीवक आयुर्वेदा: 7704996699


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    I was Visited at Jivak Ayurveda for dengue on 26th August 2016. From day one I have been taken good care of by the Jivak team. I felt like I was treated by my own family. I was also very happy about a patient care attendant who gave me a sponge bath and also came to talk to me when ever possible to reduce my dengue anxiety. He even noticed the small red spots on my back and reported to the nurse. It was very nice to see so much compassion. Hats off to all of you. I made it a point to take the na… Read more

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