बिगड़ा क्रिएटनीन लेवल आजमाएं नीम और पीपल

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बिगड़ा क्रिएटनीन लेवल आजमाएं नीम और पीपल

क्या क्रिएटनीन का लेवल बिगड़ गया है.?
क्या बगैर किसी अंग्रेजी दवाइयों के सामान्य करना चाहते हैं.?
तो आप देसी और घरेलू नुस्खों से क्रीएटिनिन स्तर को एकदम सामान्य कर सकते हैं..!
जी हां नीम और पीपल को मिलाकर कर सकते हैं किडनी में क्रिएटनीन का स्तर समान्य ?

हमारे शरीर में दोनों गुर्दे खून साफ़ करते हैं और शरीर को डेटोक्सीफी करते हैं, जिससे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम करते रहे।

यदि किडनी को कोई इन्फेक्शन या कोई अन्य बीमारी होती है तो यह अच्छे से काम नहीं कर पाती, जिस वजह से शरीर को और भी कई बीमारिया होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

किडनी का रोग एक काफी दर्दनाक तथा कष्टदायक बीमारी है।

कारण

  • खाने की गलत आदतें,
  • व्यस्त जीवनशैली,
  • संक्रमित पानी और
  • वायु प्रदुषण के कारण


आजकल गुर्दे (किडनी) के रोग बढ़ने लगे हैं, जिसके इलाज के लिए डॉक्टर कई बार डायलिसिस की सलाह देते हैं और समस्या गंभीर होने पर किडनी ट्रांसप्लांट अर्थात गुर्दे बदलवाने तक की नौबत आ जाती है। इसलिए आज हम आपको किडनी इन्फेक्शन, फेलियर और डैमेज होने के कारण, लक्षण और उपचार के घरेलु और आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं। इस विशेष रामबाण उपायों कों करके इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा पा सकते सकते हैं।

किडनी की बीमारिया होने के अनजान कारण

कम पानी पीना, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना, पेशाब रोकना, पूरी नींद ना लेना, ज्यादा नमक खाना, धूम्रपान करना और शराब पीना, खाने में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना आदि किडनी के रोग होने के मुख्य कारण होते हैं। जिन लोगो को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर होता है और जिनके परविअर में कभी किसी का किडनी फेलियर या किडनी से जुडी कोई बीमारी हुई हो, उनमे किडनी ख़राब होने की सम्भावना दुसरो से अधिक होती है।

किडनी ख़राब होने के लक्षण

किडनी के रोग को पहचानने का सबसे बड़ा लक्षण है पेशाब करते समय दर्द होना या पेशाब में ब्लड आना।

इसके इलावा ठण्ड लगना, भूख कम लगना, शरीर में सूजन आना, शरीर में थकन और कमजोरी आना, पेशाब में प्रोटीन कि मात्रा अधिकहोना, पेशाब में जलन होना और बार-बार पेशाब आना, ब्लड प्रेशर का बढ़ा रहना, स्किन पर रैशेज़ निकलना और खुजली होना, मुंह का सवाद ख़राब होना और मुँह से बदबू आना आदि भी किडनी के रोग के लक्षण हैं।

किडनी का आयुर्वेदिक, प्राकृतिक और घरेलु उपाय

नीम और पीपल की छाल का काढ़ा:
3 गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल लेकर आधा रहने तक उबाल कर काढ़ा बना लें।

इस काढ़े का सेवन दिन में 3 से 4 बार रोज़ाना करें करते रहें।

इस प्रयोग को करने से सिर्फ सात दिन में आपके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या सामान्य लेवल तक आ सकता है।

स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या के लिए हेल्पलाइन 7704996699 पर सम्पर्क करें


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किडनी को पुनर्जीवित कर देगा आयुर्वेद

किडनी हमारे शरीर का मुख्य अंग है। यह मुख्य रुप से यूरिया,क्रिएटिनिन,एसिड, नाइट्रोजन जैसे  वेस्ट मेटेरियल उत्पादो से ब्लड को फिल्टर करती है। ये सभी टाक्सिन्स हमारे ब्लैडर में जाते है और पेशाब के रास्ते बाहर हो जाते है। हाई ब्ल़ड प्रेशर,डायविटिज या किसी गम्भीर विमारी या चोट लगने से किडनी खराब हो जाती है। किडनी अतिरिक्त सोडियम व पोटैशियम को फिल्टर करती है, जब ठीक किडनी ठिक से नही काम कर पाती है, तो शरीर में सोडियम वपोटैशियम जमा होने लगते है जिसकी वजह से पैरो व टखनें में सूजन बढ़ जाती है।

जीवक आयुर्वदा अपनी औषधियो से किडनी के खराब हुये सेल्स को पुनर्जिवित करता है, एवं किडनी को फिर से फिल्टर करने लायक बन ता है एवं किस कारण से किडनी खराब हो रही है उसका भी साथ में ईलाज चलता है। जिसकी वजह से किडनी रोगी पूरी तरह धीर- धीरे-धीरे स्वस्थ हो जाते है।


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