World Sleep Day 2019: जानिए आपके लिए कितनी जरूरी है नींद, इन बातों का रखें ध्यान
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World Sleep Day 2019 हर साल 15 मार्च को वर्ल्ड स्लीप-डे मनाया जाता है। वर्ल्ड स्लीप डे को वर्ल्ड स्लीप डे कमेटी ऑफ द वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को नींद की समस्याओं के बोझ से छुटकारा दिलाना और नींद की गड़बडि़यों को लेकर लोगों को जागरूक करना होता है। इस साल वर्ल्ड स्लीप-डे का विषय ‘स्वस्थ नींद, स्वस्थ आयु’ है। वैसे तो नींद सभी को प्यारी होती है और इसके कई फायदे भी हैं। वर्ल्ड स्लीप-डे पर इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जीवक आयुर्वेदा के निदेशक टी के श्रीवास्तव ।
नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए प्रकृति का वरदान है। दौड़ती-भागती तनाव भरी जिंदगी में नींद का महत्व और बढ़ गया है।
रोजाना की भागदौड़, आपाधापी के चक्कर में हम ठीक से खाना और सोना तक भूल गए हैं, जिसकी वजह से अनेक शारीरिक और मानसिक परेशानियां हमें घेरने लगी हैं। ट्रैफिक की रेडलाइट से लेकर मोबाइल पर बेकार के मैसेजेज, इंटरनेट और न जाने कितनी चीजें हमें व्यर्थ का तनाव देती हैं। दिनभर की भागदौड़ के बाद हम थक कर घर वापस आते हैं तो हमें सुकून भरी और आरामदायक नींद की आवश्यकता होती है। रात में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, जिससे अगले दिन के कामकाज के लिए अपने मस्तिष्क को तरोताजा कर सकें। इस तरह से हम अपने जीवन का एक तिहाई हिस्सा सोने में बिता देते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है।
दो तरह की नींद
हम दो तरह की नींद लेते हैं। एक वह नींद, जिससे हम शारीरिक रूप से ज्यादा क्रियाशील रहते हैं। इसमें हमारी आंखें हिलती-डुलती रहती हैं। इस नींद में जब हम कोई स्वप्न देखते हैं तो उसे याद रख पाते हैं। दूसरी तरह की नींद में हमारी शारीरिक क्रिया न्यूनतम होती है। इस समय हम गहरी नींद में होते हैं, जिससे शरीर और मस्तिष्क को ज्यादा आराम और सुकून मिलता है। इस चैनभरी नींद से एक तरह से हमारे शरीर का उपचार होता है। लोगों के सोने की आदत अलग-अलग किस्म की होती है। कुछ लोग लंबी नींद लेने में विश्वास रखते हैं, तो कुछ थोड़े समय की नींद लेते हैं। 6 घंटे की नींद लेने वाले व्यक्ति काफी चुस्त-दुरुस्त होते हैं, जबकि 9 घंटे और इससे ज्यादा लंबी नींद लेने वाले लोग नींद के आशक्त होते हैं।
नीद न आने वाली बीमारी (अनिद्रा)
अनिद्रा एक नींद से सम्बन्धित समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। संक्षेप में, अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नींद आना या सोते रहना मुश्किल होता है। अनिद्रा के प्रभाव बहुत भयंकर हो सकते हैं। अनिद्रा आमतौर पर दिन के समय नींद, सुस्ती, और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढाती है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षणों से जुड़े हुए हैं। अनिद्रा में नींद से जुड़े विकारों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें अच्छी नींद के अभाव से लेकर नींद की अवधि में कमी से जुडी समस्याएं हैं। अनिद्रा को आमतौर पर तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है।
अस्थायी अनिद्रा: यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं।
एक्यूट अनिद्रा: इसे अल्पकालिक अनिद्रा भी कहा जाता है। लक्षण कई हफ्तों तक जारी रहते हैं।
क्रोनिक अनिद्रा: यह आमतौर पर महीनों और कभी-कभी सालों तक रहती है।
दिल के लिए है खतरनाक
नींद और हृदय गति का गहरा संबंध होता है। एक ताजा में शोध में यह बात सामने आयी है। हृदय रोगियों पर किए गए ताजा अध्ययन में पाया गया कि 96 फीसदी हृदय रोगियों में नींद के दौरान श्वसन संबंधी समस्या पाई जाती है। एक अन्य अध्ययन में यह बात साफ हुई थी कि 58 प्रतिशत हृदय रोगी नींद संबंधित समस्या से ग्रसित होते हैं और इनमें से 85 फीसदी को इस समस्या तथा हृदय रोग और नींद की कमी के संबंध का पता नहीं होता।
बनती है ओबेसिटी का कारण
न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद कहा कि नींद की कमी के कारण किशोरों को मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। शोध से यह भी साफ हुआ कि किशोरियों के मामले में ऐसा नहीं है। यदि कोई किशोरी कम नींद ले पाती है तो उसे इस कारण मोटापे की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सोने के तरीके से कम हो जाएगी पेट
लोगों के बीच एक सोच घर कर गई है कि रात को नहीं खाने से कुछ वज़न कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। आप कभी खाली पेट न सोएं। खाली पेट सोने की वजह से आपको नींद नहीं आएगी और नींद की कमी से आपका मोटापा बढ़ सकता है।
कमजोर होती है याददाशत
अगर आप बढ़ती उम्र के साथ पर्याप्त नींद नहीं ले रहे, तो सावधान हो जाइए। आपके दिमाग के घटते आयतन का संबंध कम नींद से हो सकता है। ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययन के मुताबिक, नींद की कमी का संबंध मस्तिष्क के विभिन्न भागों जैसे अग्रभाग (फ्रंटल), कालिक (टेंपोरल) के आयतन में तेजी से कमी से हो सकता है।
बढ़ता है तनाव का खतरा
अगर अनिद्रा के लक्षणों का जल्द निदान और इलाज ना कराया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। एक अध्ययन में यह बात साफ हुई थी कि नींद न आने पर रोगी हमेशा के लिए अवसाद का शिकार हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति के मस्तिष्क का न्यूरोट्रांसमीटर क्षीण हो जाता है। यदि अवसाद का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्थिति बन जाती है।
चिड़चिड़ापन भी होता है
जब आपकी नींद पूरी नहीं होती, तो स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना लाजमी है। ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है। वे चिंता या अवसाद का शिकार हो सकते हैं। उनका बर्ताव भी असामान्य हो सकता है। उनकी स्मरण शक्ति पर भी असर पड़ता है और वे किसी बात पर अच्छी तरह ध्यान नहीं दे पाते।
तुरंत खाकर न सोएं
तुरंत खाकर न सोएं, खाने और सोने के वक्त कुछ गैप रखें। खाना खाकर तुरंत सोने से ब्लड शुगर और इंसुलिन बढ़ता है, इसकी वजह से वजन बढ़ सकता है। रोजाना रात को एक कप हर्बल चाय पीने से तोंद को कम करने में मदद मिलेगी।
नींद न आना भी है खतरनाक
आजकल की बदलती जीवनशैली में ज़्यादातर लोगों को नींद ने आने की समस्या है। नींद ने आने की इस समस्या को इन्सोमनिया कहते हैं। यह आमतौर पर लाइफस्टाइल में बदलाव होने की वजह से होता है। यह दो तरह का होता है-ट्रान्जिएंट और क्रॉनिक। इसका मुख्य कारण टेंशन, वातावरण में बदलाव, हॉर्मोंन्स में बदलाव है।
अच्छी सेहत के लिए कितनी जरूरी हैं नींद जानिए
नींद उतनी ही जरूरी है जितना कि खाना और व्यायाम। एक शरीर ठीक से काम करे इसके लिए कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूरी है। जो लोग कम सोते हैं उनके शरीर में लेप्टिन (भूख बढ़ाने वाला हार्मोन ) का स्तर कम होने की संभावना अधिक होती है, जिससे भूख बढ़ जाती है।
क्या है अनिद्राके उपाय
अगर किसी व्यक्ति को नींद न आने की समस्या 3 से 4 हफ्तों से ज्यादा समय तक रहती है तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस बीमारी को कुदरती इलाज से भी काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।
सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें। यह एक एक्सरसाइज की तरह होगा। गर्म पानी से नहाने के बाद बेड पर जाते ही आपको नींद आ जाएगी।
दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद आपको अपनी मांस-पेशियों को आराम देने और अच्छी नींद लेने के लिए अपने शरीर को कूल डाउन करने की जरूरत होती है। इसके लिए आप किसी टब या बाल्टी में गुनगुने पानी में अपने पैरों को डुबो कर रख सकते हैं।
अपने शरीर की मांस-पेशियों एवं ऊतकों को आराम देने के लिए आप एक चम्मच एप्सॉम साल्ट/डेड सी सॉल्ट को पानी में डाल सकते हैं। फूट बाथ आपकी त्वचा को अवांछित बैक्टीरिया से बचाती है और दिन भर की थकान से हुए पैर के दर्द को भी कम करती है।
उस गर्म पानी में आप कुछ आवश्यक तेल भी डाल सकते हैं, जिससे आपको रिलैक्स होने में मदद मिलती है। आप तुलसी ऑयल, देवदार वुड ऑयल, लैवेंडर ऑयल, रोजमैरी ऑयल और विंटर ग्रीन ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आपको केवल इन तेल की 1-2 बूंद पानी की बाल्टी में डालनी है। ये तेल शरीर के भीतरी भाग तक पहुंचकर रोम-रोम को सुकून देते हैं।
गर्म पानी थके हुए शरीर पर जादू का काम करता है। अगर किसी के पास सोने जाने से पहले गर्म पानी से नहाने का समय नहीं है तो कुछ देर तेल मिले गुनगुने पानी में अपने पैर डालकर बैठ सकते हैं।
इस उपाय से स्किन हाईड्रेट हेती है, मांस-पेशियां ढीली पड़ती हैं। इससे रिलैक्स होने में मदद मिलती है, जिससे आपको बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती है। अनिद्रा से ग्रस्त लोगों के लिए लैवेंडर, जैस्मीन, नेरोली और यांग-लांग जैसे तेल से मालिश भी कारगर उपाय है।