गठिया (आर्थराइटिस) कारण और निवारण
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जब किसी वजह से किडनी के फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया, यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है। जो हमारे शरीर के जोड़ो मे जमा होने लगता है। यूरिक एसिड शरीर में उन चीजो से बनता है जो हम खाते है। यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनी से फिल्टर होकर मूत्रमार्ग से बाहर हो जाता है, लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा किडनी फिल्टर नही कर पाती है तो खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और यह शरीर के जोड़ो के हिस्से में जमा होने लगता है। जिससे गठिया की समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से शरीर के जोड़ो में सूजन भी आ जाती है। जिससे दर्द बढ़ जाता है। चलने में तकलीफ होती है। इसी से बाद में गठिया, व आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है।
गठिया व आर्थराटिस का कारण:
- खान पान व लाइफ स्टाइल में बदलाव से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- डायबिटीज की दवाओं से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- खाने में लिये जाने वाला प्यूरिन (प्रोटीन) से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- ब्लड प्रेशर की दवा,पेन किलर्स या कैसर रोधी दवाये से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- रेड मीट, सी फूड दाल, रजमा ,मशरूम,गोभी, टमाटर , मटर, भिण्डी,व पनीर से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
जीवक आयुर्वेदा की औषधियो व पंचकर्म चिकित्सासे शरीर को शोधित कर लेते है। जमा हुआ जोड़ो में यूरिक एसिड धीरे-धीरे खत्म हो जाता है एवं किडनी पूरी तरह फिल्टर कर के युरिक एसिड को मूत्रमार्ग से निकाल देती है। जिससे यह समस्या जड़ खत्म हो जाती है। गठिया या आर्थराइटिस से सम्बन्धित समस्या होने पर हेल्पलाइन नम्बर 7704996699 पर सम्पर्क करें!